अनायास ही यदि अपार दौलत उत्तराधिकारी में मिल जाए तो उससे क्या होगा यदि आपकी भीतर स्वयं की योग्यता नहीं है या आप कमाना नहीं जानते हैं ? जो कमाना नहीं जानता वह खर्च करना भी नहीं जानता | खर्च करना भी तो बुद्धिमानी का कार्य है | मुफ्त में या बिना श्रम किए उत्तराधिकारी में मिले धन को कमाना ना जाने वाला चंद वर्षों में उड़ा देगा | खा-पी जाएगा | फिर, फिर वही आ जाएगा,जहां से चला था |

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